" ख्वाहिश नही मुझे मशहूर होने की, आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है: हरिवंशराय बच्चन " "I don't want to be famous, you recognize me that's enough: Harivansh Rai Bachchan"

"I don't want to be famous, you recognize me that's enough: Harivansh Rai Bachchan"

           This poem is from Harivansh Rai Bachchan. Harivansh Rai Bachchan is one of the popular names in Hindi literature. Harivansh Rai Bachchan, the author of 'Madhushala', breathed his breath on January 18, that is today. Who does not know the father of Bollywood megastar Amitabh Bachchan and famous Hindi litterateur Dr. Harivansh Rai Bachchan. Harivansh Rai Bachchan was born on 27 November 1907 in Allahabad. While Harivansh Rai Bachchan died on 18 January 2003 in Mumbai. Today is the death anniversary of Harivansh Rai Bachchan. Harivansh Rai Bachchan has gained a lot of fame for his creation Madhushala.

" ख्वाहिश नही मुझे मशहूर होने की, आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है: हरिवंशराय बच्चन " 



                                            ये कविता है हरिवंशराय बच्चन की। हरिवंश राय बच्चन हिंदी साहित्य के लोकप्रिय नामों में से एक हैं। 'मधुशाला' के रचयिता हरिवंश राय बच्चन ने 18 जनवरी यानि आज ही के दिन आधिरी सांस ली थी। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के पिता और मशहूर हिंदी साहित्यकार डॉ हरिवंशराय बच्चन को कौन नहीं जानता। हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवंबर, 1907 में इलाहाबाद में हुआ था। जबकि हरिवंश राय बच्चन का निधन 18 जनवरी, 2003 को मुंबई में हुआ। आज हरिवंश राय बच्चन की पुण्यतिथि है। हरिवंश राय बच्चन ने अपनी रचना मधुशाला को लेकर काफी ख्याति प्राप्त की है।

हरिवंश राय बच्चन को सबसे अधिक लोकप्रियता 'मधुशाला' की वजह से मिली। यह बच्चन की दूसरी रचना थी और 1935 में लिखी गई थी। इसके बाद 1936 में 'मधुबाला' और 1937 में 'मधुकलश' प्रकाशित हुई। इन तीनों रचनाओं ने हिंदी साहित्य में हालावाद की नींव डाली। जिसकी तर्ज पर कई और कवियों ने भी कविताएं लिखीं। यह वह दौर था जब प्रगतिवाद की नींव पड़ रही थी और छायावाद अपने अंतिम दौर में था। रहस्यवाद, क्षणवाद और व्यक्तिवाद से हिंदी कविता को मुक्त करने की बात कही जा रही थी। यहां तक कि छायावादी कवियों ने भी 'युगांत' की घोषणा कर दी थी।

हरिवंश राय बच्चन ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद साल 1941 से 1952 तक हरिवंशराय बच्चन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्राध्यापक रहे। साल 1926 में हरिवंश राय बच्चन का शादी श्यामा बच्चन से हुआ। श्यामा बच्चन की आयु शादी बच्चन के वक्त मात्र 14 साल थी। टीबी की लंबी बीमारी के बाद साल ल 1936 में श्यामा बच्चन की म़ृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के बाद बच्चन एकदम अकेले पड़ गए।

पांच साल बाद हरिवंशराय बच्चन ने तेजी सूरी से विवाह किया। तेजी सूरी रंगमंच और गायन से जुड़ी हुई थीं। इस दौरान हरिवंश राय बच्चन ने नीड़ का पुनर्निर्माण' जैसे कविताओं की रचना की। हरिवंश राय बच्चन और तेजी सूरी के दो बच्चे हुए अमिताभ बच्चन और अजिताभ। अमिताभ बच्चन को कौन नहीं जानता। अमिताभ बच्चन हिंदी सिनेमा के महानायक हैं। हरिवंश राय बच्चम राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी रह चुके हैं।
हरिवंश राय बच्चन को साल 1976 को पद्मभूषण का उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके अलावा हरिवंश राय बच्चन को साल 1968 में 'दो चट्टानें' (कविता-संग्रह) के लिए साहित्य अकादमी का पुरस्कार भी मिल चुका है। हरिवंश राय बच्च काफी लोकप्रिय कवि रहे हैं। हरिवंश राय बच्चन ने मधुबाला, मधुकलश, निशा निमंत्रण, एकांत संगीत, सतरंगिनी, विकल विश्व, खादी के फूल, सूत की माला, मिलन, दो चट्टानें व आरती और अंगारे जैसी प्रमुख कृतियों की रचना की है।
सरल अंदाज में गंभीर बात कहने वाला कवि
हरिवंश राय बच्चन की लोकप्रियता की सबसे बड़ी वजह यह थी कि वे बहुत ही गंभीर मुद्दों को सरल अंदाज में बयां करना जानते थे। आज के दौर में जब मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर घमासान मचा हुआ है, तब 1935 में उनकी लिखी हुईं ये पंक्तियां किसी को भी याद आ जाती है।
मुसलमान और' हिंदू है दो, एक, मगर, उनका प्याला, एक, मगर, उनका मदिरालय, एक, मगर, उनकी हाला, दोनों रहते एक न जब तक मस्जिद मंदिर में जाते, बैर बढ़ाते मस्जिद मंदिर मेल कराती मधुशाला!।



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